Q4:- निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
(d)वैश्विक वेतन प्रतिवेदन, 2022-23 के मापदण्डों एवं प्रभावों का विवरण दीजिए।
वैश्विक वेतन प्रतिवेदन (Global Wage Report) 2022-23, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) द्वारा प्रकाशित एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो विभिन्न देशों में वेतन की स्थिति, वेतन असमानता, और श्रमिकों की क्रय शक्ति पर विस्तृत जानकारी प्रदान करता है। यह रिपोर्ट वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर पर वेतन की प्रवृत्तियों, नीतियों, और आर्थिक कारकों का विश्लेषण करती है। इस रिपोर्ट के मापदण्डों एवं प्रभावों का विवरण निम्नलिखित है:
मापदण्ड
- वेतन वृद्धि दर:
- यह मापदण्ड विभिन्न देशों में श्रमिकों की औसत वेतन वृद्धि की दर को दर्शाता है। इसमें विभिन्न समय अवधियों के दौरान वेतन में हुए परिवर्तनों का विश्लेषण किया जाता है।
- वेतन असमानता:
- यह मापदण्ड आय असमानता की मात्रा को दर्शाता है। इसमें उच्च और निम्न आय वर्ग के बीच वेतन अंतर का अध्ययन शामिल होता है।
- वास्तविक वेतन:
- वास्तविक वेतन वह वेतन है जिसे श्रमिक अपनी क्रय शक्ति के हिसाब से प्राप्त करते हैं। इसमें मुद्रास्फीति और जीवन यापन की लागत को ध्यान में रखा जाता है।
- लिंग वेतन अंतर:
- यह मापदण्ड पुरुषों और महिलाओं के वेतन के बीच अंतर को दर्शाता है। इसमें विभिन्न देशों में महिलाओं को मिलने वाले वेतन की तुलना पुरुषों से की जाती है।
- न्यूनतम वेतन:
- विभिन्न देशों में न्यूनतम वेतन की नीतियों और उनके प्रभाव का विश्लेषण। इसमें न्यूनतम वेतन का निर्धारण, कार्यान्वयन, और इसका श्रमिकों की जीवनशैली पर प्रभाव शामिल होता है।
- अंतर्राष्ट्रीय तुलना:
- यह मापदण्ड विभिन्न देशों के वेतन स्तर और नीतियों की तुलना करता है ताकि वैश्विक प्रवृत्तियों और असमानताओं को समझा जा सके।
प्रभाव
- आर्थिक विकास:
- वेतन वृद्धि दर और वास्तविक वेतन में वृद्धि से श्रमिकों की क्रय शक्ति बढ़ती है, जिससे उपभोग में वृद्धि होती है और आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिलता है।
- सामाजिक समानता:
- वेतन असमानता और लिंग वेतन अंतर को कम करने से सामाजिक समानता में सुधार होता है। इससे समाज में संतुलन और समरसता बढ़ती है।
- न्यूनतम वेतन नीति:
- न्यूनतम वेतन की प्रभावी नीति से निम्न आय वर्ग के श्रमिकों की जीवनशैली में सुधार होता है। यह गरीबी उन्मूलन और सामाजिक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
- श्रमिक संतोष और उत्पादकता:
- उचित वेतन नीतियों से श्रमिकों में संतोष और उत्पादकता बढ़ती है। यह नियोक्ताओं के लिए भी लाभकारी है क्योंकि संतुष्ट श्रमिक अधिक उत्पादक होते हैं।
- निवेश और व्यवसाय:
- वेतन की स्थिरता और वृद्धि से उपभोक्ता विश्वास में वृद्धि होती है, जिससे निवेश और व्यवसाय में वृद्धि होती है।
- वैश्विक प्रतिस्पर्धा:
- विभिन्न देशों के वेतन स्तर और नीतियों की तुलना से यह पता चलता है कि कौन से देश श्रमिकों के लिए अधिक आकर्षक हैं। इससे वैश्विक श्रम बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ती है।
सारांश
वैश्विक वेतन प्रतिवेदन 2022-23 श्रमिकों की वेतन संबंधी स्थिति का व्यापक विश्लेषण प्रदान करता है। यह रिपोर्ट न केवल वेतन की प्रवृत्तियों और असमानताओं को उजागर करती है, बल्कि इसके माध्यम से विभिन्न नीतियों और आर्थिक कारकों के प्रभावों को भी समझा जा सकता है। यह नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं, और समाज के विभिन्न हितधारकों के लिए एक महत्वपूर्ण साधन है जो वेतन सुधार और आर्थिक विकास की दिशा में योगदान कर सकता है।